Police Shayari in Hindi

पुलिस हमारे समाज की सुरक्षा और व्यवस्था की रीढ़ है। इनके बिना जीवन की शांति और कानून की ताक़त अधूरी है। पुलिसकर्मी अपना आराम, त्यौहार और परिवार छोड़कर दिन-रात जनता की सेवा में लगे रहते हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए लाए हैं दिल को छूने वाली Police Shayari in Hindi, जो पुलिस के जज़्बे, कर्तव्य और बलिदान को सलाम करती है।
न गोली से डरते, न मौत से घबराते,
पुलिस वाले फ़र्ज़ निभाने जान लुटाते।
(N Goli Se Darte, Na Maut Se Ghabraate,
Police Wale Farz Nibhaane Jaan Lutaate.)
वर्दी का रंग है क़ुर्बानी की पहचान,
पुलिस के दम से रोशन है हिंदुस्तान।
(Vardi Ka Rang Hai Qurbani Ki Pehchaan,
Police Ke Dam Se Roshan Hai Hindustan.)
रातों की नींदें, दिन का चैन गँवा देते हैं,
पुलिस वाले हमें सुकून का जहाँ देते हैं।
(Raaton Ki Neende, Din Ka Chain Ganwa Dete Hain,
Police Wale Hume Sukun Ka Jahan Dete Hain.)
ज़िंदगी का हर पल क़ौम को अर्पण है,
पुलिस की वर्दी ही उनकी पहचान है।
(Zindagi Ka Har Pal Qaum Ko Arpan Hai,
Police Ki Vardi Hi Unki Pehchaan Hai.)
वो आँधियों से टकराना जानते हैं,
पुलिस वाले देश को बचाना जानते हैं।
(Wo Aandhiyon Se Takrana Jaante Hain,
Police Wale Desh Ko Bachana Jaante Hain.)
जो डरते नहीं गोलियों से, ना परछाइयों से,
जो लड़ते हैं मुसीबतों से और तन्हाइयों से,
वो हैं देश की शान, पुलिस कहलाते हैं,
अपने फ़र्ज़ के लिए जान भी लुटाते हैं।
(Jo Darte Nahi Goliyon Se, Na Parchaaiyon Se,
Jo Ladte Hain Musibaton Se Aur Tanhaaiyon Se,
Wo Hain Desh Ki Shaan, Police Kehlate Hain,
Apne Farz Ke Liye Jaan Bhi Lutaate Hain.)
पुलिस का क़र्ज़ कभी चुका नहीं सकते,
उनकी मेहनत का मूल्य कभी गिना नहीं सकते,
दिन-रात हमें सुरक्षित रखते हैं वो,
इस एहसान को हम भुला नहीं सकते।
(Police Ka Karz Kabhi Chuka Nahi Sakte,
Unki Mehnat Ka Moolya Kabhi Gina Nahi Sakte,
Din-Raat Hume Surakshit Rakhte Hain Wo,
Is Ehsaas Ko Hum Bhula Nahi Sakte.)
वर्दी में छुपा है त्याग और बलिदान,
पुलिस का नाम है सच्चाई की पहचान,
जो थाम लेते हैं हालात की डोर,
उनके बिना अधूरी है कानून की होड़।
(Vardi Mein Chhupa Hai Tyaag Aur Balidaan,
Police Ka Naam Hai Sacchai Ki Pehchaan,
Jo Thaam Lete Hain Haalaat Ki Dor,
Unke Bina Adhoori Hai Qanoon Ki Hod.)
नींद त्याग कर पहरेदारी करते हैं वो,
जान हथेली पर लेकर सवारी करते हैं वो,
माँ-बाप, बच्चे सब पीछे छूट जाते हैं,
क़ौम की हिफ़ाज़त ही ज़िम्मेदारी करते हैं वो।
(Neend Tyaag Kar Pehredari Karte Hain Wo,
Jaan Hatheli Par Lekar Sawaari Karte Hain Wo,
Maa-Baap, Bachche Sab Peeche Chhoot Jaate Hain,
Qaom Ki Hifazat Hi Zimmedaari Karte Hain Wo.)